कवि भारामल - कवि भारामल फर्रुखाबाद के निवासी सिंघई परशुराम के पुत्र थे और उनकी जाति खरौआ थी। इन्होंने भिंड में रहकर चारु चरित की रचना की थी, साथ ही इनके द्वारा रचित सप्त वासन चरित, दान कथा, शील कथा और आरती पूजन कथा भी उपलब्ध है।