Scholar / Kavi Parichay

Kavi Veer

कवि वीर

महाकवि वीर का जन्म मालवा देश के गुखखेऊ ग्राम में हुआ था। उनके पिता लाडवाऊ गोत्र के महाकवि देवदत्त थे।  देवदत्त की भी चार रचनायें प्राप्त होती हैं।
महाकवि वीर की मां का नाम सनुवा था। कवि वीर की चार शादियां हुई थी। इनके पुत्र नेमीचंद्र भी संस्कृत काव्य रचना में निपुण थे। महाकवि वीर का समय लगभग 10 वीं शताब्दी और 11वीं शताब्दी के बीच का माना गया है। कभी वीर की एकमात्र रचना जंबू स्वामी चरिउ प्राप्त होती है। इस ग्रंथ में कवि की विशाल बुद्धि का परिचय प्राप्त होता है। इस ग्रंथ के अध्ययन से यह प्रतीत होता है कि कभी वीर को न केवल जैन ग्रंथों का बल्कि हिंदू ग्रंथों का भी गहरा अध्ययन था। जंबू स्वामी चरिउ में जंबू स्वामी के चरित्र का बहुत ही रोचकता से वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ में अनेक प्राचीन छंदों अलंकारों का सुरम्य प्रयोग मिलता है।

Shastra by Kavi Veer

Swipe Left to view more
Shastra Name Rachayita Tikakar/Translator PDF Details